➤ लोकसभा में कंगना रनौत का विपक्ष पर सबसे तीखा हमला, एक वर्ष का व्यवहार लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया
➤ राहुल गांधी के भाषण को तथ्यहीन और विदेशी एजेंडा आधारित कहा, महिला के चित्र के गलत उपयोग पर सदन की ओर से मांगी माफी
➤ ‘वन नेशन–वन इलेक्शन’ को समय की मांग बताया, 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक बचत का दावा
शिमला। भाजपा सांसद कंगना रनौत ने लोकसभा में चुनावी सुधारों पर अपने स्पष्ट, आक्रामक और निर्भीक भाषण के दौरान विपक्ष के पूरे वर्ष के व्यवहार को लोकतंत्र के लिए बेहद शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि एक नए सांसद के रूप में उनका पहला वर्ष विपक्ष की अव्यवस्था और उग्रता के कारण मानसिक रूप से बेहद कठिन रहा।
कंगना ने कहा कि विपक्ष ने लगातार हंगामे, नारेबाजी, वेल में आकर अव्यवस्थित व्यवहार और जानबूझकर संसद रोकने का काम किया, जो संसदीय परंपराओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि सांसद सीखने, समाधान खोजने और जनता की आवाज उठाने आते हैं, लेकिन विपक्ष ने लोकतांत्रिक गरिमा को चोट पहुंचाई।
कंगना ने राहुल गांधी के हालिया भाषण को निशाने पर लेते हुए कहा कि देश को उनसे बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उनके भाषण में न तथ्य थे, न दिशा—सिर्फ भ्रम और विदेशी नैरेटिव था।
उन्होंने संसद में अंतरराष्ट्रीय मूल की एक महिला का चित्र दिखाने पर कड़ा आपत्ति जताते हुए कहा कि वह महिला सार्वजनिक रूप से कह चुकी है कि उसका भारत या हरियाणा चुनावों से कोई संबंध नहीं। कंगना ने कहा—
“एक महिला सांसद होने के नाते मैं पूरे सदन की ओर से उस महिला से माफी मांगती हूं।”
कंगना ने कांग्रेस पर महिलाओं के सम्मान पर सिर्फ उपदेश देने और व्यवहार में अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को वास्तविक सशक्तिकरण देते हैं—उज्ज्वला, शौचालय, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, छात्रवृत्तियां और आत्मनिर्भर महिला कार्यक्रम इसकी मिसाल हैं।
उन्होंने कहा—“प्रधानमंत्री ईवीएम नहीं हैक करते, वह देशवासियों के दिलों को हैक करते हैं।”
कंगना ने कहा कि कांग्रेस जिस बैलेट पेपर युग को आदर्श बताती है, उसी दौर में भारत के इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी धांधली हुई थी—इंदिरा गांधी बनाम राज नारायण केस। उन्होंने कहा कि उसी समय तत्कालीन प्रधानमंत्री की सदस्यता रद्द हुई थी।
आज वही कांग्रेस ईवीएम पर आरोप लगाकर लोकतांत्रिक संस्थाओं पर अविश्वास फैलाने की कोशिश कर रही है।
कंगना ने बताया कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) लागू होने पर 60 लाख से अधिक फर्जी व मृत वोटर हटाए गए, 21 लाख नए वास्तविक मतदाता जुड़े और रिकॉर्ड 67% मतदान हुआ।
उन्होंने इसे लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण बताया।
उन्होंने ‘वन नेशन–वन इलेक्शन’ पर कहा कि बार-बार चुनावों से 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होता है। एक साथ चुनाव होने से प्रशासन, सुरक्षा बल और आम जनता सभी को राहत मिलेगी और लोकतंत्र एक उत्सव की तरह मनाया जाएगा।
कंगना ने कहा कि भाजपा देशहित और चुनाव सुधारों की राजनीति करती है, जबकि विपक्ष भ्रम और अराजकता फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करता है।



